“सेवा, संस्कार और संकल्प की प्रतीक: श्रीमती बगतु देवी चौधरी”

एक प्रेरणादायी राजनैतिक-सामाजिक व्यक्तित्व का परिचय

बाड़मेर, राजस्थान।
जिस समाज की नींव सेवा, सद्भाव और संस्कारों से रखी जाती है, वहां से उठने वाले व्यक्तित्व न केवल जनमानस का नेतृत्व करते हैं, बल्कि सामाजिक बदलाव के वाहक भी बनते हैं। ऐसे ही प्रेरक व्यक्तित्व की प्रतिमूर्ति हैं श्रीमती बगतु देवी चौधरी, वर्तमान प्रधान — पंचायत समिति, सिणधरी।

दृष्टिकोण जो दिशा देता है

श्रीमती चौधरी का मानना है कि समाज के कमजोर और वंचित तबकों को मुख्यधारा से जोड़ना ही सच्चे धर्म का पालन है। उनका स्पष्ट विचार है — “सच्चाई और ईमानदारी के मार्ग पर चलते हुए हमें सदैव निर्बलों की सहायता के लिए तत्पर रहना चाहिए।” उनकी कार्यशैली में यह दर्शन स्पष्ट झलकता है — चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हो या पेयजल, सड़क, विद्युतीकरण जैसे मूलभूत अधिकारों को सुदूर ढाणियों तक पहुँचाना।

जीवन का आरंभ और शिक्षा की राह –

श्रीमती बगतु देवी का जन्म वर्ष 1973 में बाड़मेर जिले के ग्राम बायतु भोपजी में हुआ। पिता श्री जगरामा रामजी चौधरी के सान्निध्य में पली-बढ़ीं बगतु देवी बचपन से ही दूरदर्शी सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण की धनी रहीं। आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में रहकर ही पूरी की और दसवीं कक्षा तक अध्ययन कर समाजसेवा की राह पर अग्रसर हुईं।

श्री पुनमा राम जाणी

विवाह और सामाजिक साझेदारी –

आपका विवाह बाड़मेर जिले के ही भाणामगरा ग्राम के श्री पूनमाराम जाणी से हुआ, जो स्वयं सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में लंबे समय से सक्रिय हैं। पूनमाराम जी वर्ष 2000 से 2005 तक ग्राम पंचायत करना के सरपंच रहे, और वर्ष 2020 से अब तक पुनः इसी पद पर कार्यरत हैं। वे वर्तमान में सरपंच संघ, सिणधरी के अध्यक्ष भी हैं। यह परिवार आरंभ से ही सेवा, राजनीति और शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

राजनैतिक यात्रा: जनता का विश्वास, सेवा का संकल्प

श्रीमती चौधरी की राजनीतिक पारी वर्ष 2005 में आरंभ हुई जब वे ग्राम पंचायत करना की निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुईं। उनका निर्विरोध चुना जाना उनके प्रति जनता के विश्वास का परिचायक रहा।
वर्ष 2021 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पंचायत समिति सदस्य, सिणधरी (वार्ड 15) का चुनाव 101 मतों से जीता। इसके बाद पंचायत समिति के प्रधान पद पर उन्होंने मात्र 4 मतों से शानदार विजय हासिल की — जो उनकी जमीनी लोकप्रियता और संगठनात्मक क्षमता को दर्शाता है।

विकास का संकल्प और मिशन

श्रीमती चौधरी का मुख्य लक्ष्य पंचायत समिति सिणधरी के अंतर्गत बहुमुखी विकास को सुनिश्चित करना है। उनकी प्राथमिकताएं हैं —

1.शिक्षा संस्थानों की मजबूती
2.स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता
3.ग्रामीण सड़कों का निर्माण व ब्लॉक सड़कें
4.विद्युतीकरण का प्रसार
5.महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना

वे विश्वास करती हैं कि जब युवाओं को शिक्षा और दिशा दी जाए, तो समाज में स्थायी परिवर्तन संभव है।

संस्कारों से संस्कारित परिवार

श्रीमती चौधरी का परिवार हमेशा से सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय रहा है। उनके ससुर स्वर्गीय श्री सुरताराम जाणी एक प्रतिष्ठित कृषक रहे, जबकि उनकी सास श्रीमती पेमी देवी एक कुशल गृहिणी हैं। यह पारिवारिक पृष्ठभूमि ही उनके सार्वजनिक जीवन को स्थायित्व और उद्देश्य देती है।

युवाओं को संदेश

आपका स्पष्ट मत है कि —
“आज का युवा वर्ग यदि सकारात्मक सोच, शिक्षा और सेवा भाव को अपनाए, तो वह न केवल अपना बल्कि समाज का भी भविष्य उज्ज्वल बना सकता है। शिक्षा और एकता समाज की नींव हैं — इनके बिना कोई भी राष्ट्र या समाज आगे नहीं बढ़ सकता।”

श्रीमती बगतु देवी चौधरी न केवल एक जनप्रतिनिधि हैं, बल्कि सेवा, नैतिकता और सामाजिक बदलाव की जीती-जागती मिसाल हैं। उनके प्रयासों से सिणधरी पंचायत समिति में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। उनका जीवन इस बात का प्रतीक है कि जब नेतृत्व में संवेदनशीलता और संकल्प का संगम होता है, तब समाज का हर हिस्सा विकास की मुख्यधारा से जुड़ता है।

लेखक: संपादक, बालोतरा टाइम्स —
(यह लेख श्रीमती बगतु देवी चौधरी के जीवन परिचय एवं सार्वजनिक सेवा के समर्पण पर आधारित है।)

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