राजनीतिक और धार्मिक समरसता के लिए समर्पित भारतीय जनता पार्टी के बाड़मेर जिला महामंत्री देवराज सारण को हाल ही में सोशल मीडिया पर खुलेआम धमकी दी गई — “तेरा भी कन्हैयालाल जैसा हाल होगा।” यह केवल एक व्यक्ति को डराने की कोशिश नहीं है, बल्कि यह धमकी आतंकी विचारधारा के विस्तार की ओर इशारा करती है, जिसे अब समय रहते पहचानना और कुचलना जरूरी हो गया है।
देवराज सारण – साधु-संतों के सेवक और सौहार्द के संरक्षक
देवराज सारण ना केवल भाजपा संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि वे संत समाज, परंपरा और भगवा ध्वज के प्रति गहरी श्रद्धा रखने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। हाल ही में बासनपीर में हुई एक घटना के बाद, जहां साधु-संतों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई थीं, श्री सारण ने शांति, संयम और क्षेत्रीय सौहार्द बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए।
कांग्रेस नेता की टिप्पणी और संत समाज की पीड़ा
कुछ दिन पूर्व पोकरण विधायक संत श्री प्रताप पुरी को लेकर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता द्वारा रामधुन कार्यक्रम के मंच से अत्यंत आपत्तिजनक, तुच्छ और अशोभनीय टिप्पणी की गई, जिसने पूरे साधु-संत समाज को उद्वेलित कर दिया। इस टिप्पणी के विरोध में देवराज सारण ने न केवल मीडिया और सोशल प्लेटफार्मों पर खुलकर विरोध दर्ज कराया, बल्कि संत समाज के नेतृत्व में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई।
बाद में मामला बढ़ता देख कांग्रेस नेता ने प्रताप पुरीजी सहित संत समाज से फोन पर माफी माँगी, तब जाकर मामला शांत हुआ।
अब मिल रही है आतंक से प्रेरित धमकी
इस घटनाक्रम के पश्चात कुछ कट्टरपंथी और असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया पर देवराज सारण को सीधी धमकियां देनी शुरू कर दीं। एक वायरल पोस्ट में उन्हें कहा गया – “तेरा हाल भी कन्हैयालाल जैसा करेंगे।”
यह कथन न केवल एक राजनीतिक कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी है, बल्कि यह उदयपुर जैसे वीभत्स आतंकी हत्याकांड को महिमामंडित करने जैसा दुस्साहस है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।
क्या प्रशासन नींद में है?
इस तरह की धमकी पर अब तक कोई ठोस पुलिसिया कार्रवाई नहीं होना बेहद चिंताजनक है। क्या हम फिर किसी नई त्रासदी की प्रतीक्षा कर रहे हैं?
बाड़मेर पुलिस और राजस्थान सरकार को चाहिए कि:
इस प्रकार की धमकियों को केवल साइबर अपराध मानने की गलती न करें;
इसे आतंकी मानसिकता के रूप में चिन्हित करें;
दोषी व्यक्ति के विरुद्ध UAPA, आईटी एक्ट, एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) जैसी धाराओं में तत्काल गिरफ्तारी करें।
लोकतंत्र में डर की नहीं, संवाद की जगह हो
देवराज सारण जैसे कार्यकर्ता जो धार्मिक सौहार्द और सामाजिक समरसता के लिए खड़े होते हैं, उन्हें धमकी देना राष्ट्रविरोधी कृत्य है। यदि इस प्रकार के मामलों पर समय रहते सख़्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आतंकी विचारधारा को मौन समर्थन देने जैसा होगा।
यह केवल देवराज सारण का मामला नहीं है, यह हर उस नागरिक का मामला है जो विचार, धर्म और राष्ट्रभक्ति के लिए मुखर है।