सिणधरी (बालोतरा टाइम्स)।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मिसाल पेश करते हुए पायला कंला पंचायत समिति अंतर्गत लोलावा ग्राम पंचायत ने एक अनूठा कार्य कर दिखाया है। ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि भूपत सिंह के नेतृत्व में श्मशान भूमि पर 500 से अधिक पौधे लगाकर उस स्थान को हरियाली और जीवन का प्रतीक बना दिया गया है। यह पहल अब न केवल स्थानीय, बल्कि क्षेत्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

श्मशान भूमि में हरियाली की अनूठी पहल
जहाँ एक ओर श्मशान भूमि को आमतौर पर शांत और अंतिम विश्राम का स्थान माना जाता है, वहीं भूपत सिंह ने इस सोच को सकारात्मक मोड़ देते हुए इसे हरियाली से आच्छादित करने का संकल्प लिया। वृक्षारोपण के तहत नीम, पीपल, बरगद, शीशम जैसे छायादार और आंवला, अमरूद जैसे फलदार पौधों का चयन किया गया। उनका उद्देश्य है कि यह स्थल न केवल पर्यावरण के लिहाज से उपयोगी बने, बल्कि ग्रामीणों के लिए प्रेरणा का केंद्र भी हो।

ग्रामीणों का उत्साह और सहभागिता
इस अभियान में लोलावा के ग्रामीणों, युवाओं, महिलाओं एवं सामाजिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभी ने मिलकर न केवल पौधरोपण किया, बल्कि उन्हें संरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी ली। एक संक्षिप्त समारोह में ग्रामीणों ने पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।भूपत सिंह ने कहा, “श्मशान भूमि को भी जीवन से जोड़ा जा सकता है। पेड़ लगाने से यह जगह भी शांति, हरियाली और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बन सकती है। आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ वातावरण देना हमारी ज़िम्मेदारी है।”
प्रशासन और समाज की प्रशंसा
पायला कंला पंचायत समिति के अधिकारियों सहित क्षेत्रीय प्रशासन ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे अन्य पंचायतों के लिए उदाहरण बताया है। स्थानीय निवासियों ने भी भूपत सिंह के इस प्रयास को सकारात्मक बदलाव की दिशा में उठाया गया एक साहसिक और संवेदनशील कदम बताया।
भविष्य की योजनाएं भी तैयार
भूपत सिंह ने जानकारी दी कि वृक्षारोपण अभियान यहीं खत्म नहीं होगा। पंचायत क्षेत्र में अन्य स्थानों पर भी हरियाली बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। पौधों की नियमित देखभाल, सिंचाई की व्यवस्था और ग्रामीणों के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने की योजना भी बनाई गई है।
बालोतरा टाइम्स ने इसे पर्यावरणीय सोच बताया –
लोलावा ग्राम पंचायत की यह पहल एक नई सोच को जन्म देती है—कि विकास केवल सड़कों या भवनों से नहीं, बल्कि पर्यावरणीय जिम्मेदारी से भी होता है। सरपंच प्रतिनिधि भूपत सिंह का यह कार्य निश्चित ही सिणधरी क्षेत्र और राजस्थान की अन्य ग्राम पंचायतों के लिए प्रेरणादायक आदर्श बनेगा।
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