“संघर्ष, सेवा और संकल्प का नाम — तारा राम जी मेहना को जन्मदिन की शुभकामनाएँ”

अवतरण दिवस पर विशेष

जन-जागरण के अग्रदूत तारा राम जी मेहना को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

“जो जीवन दूसरों के लिए जीया जाए, वही सच्चा जीवन है।”

इस विचारधारा को अपने आचरण और कर्मों से जीवंत करने वाले समाजसेवी, चिंतक और जननेता श्री तारा राम जी मेहना का जीवन किसी परिचय का मोहताज नहीं। राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बाड़मेर-जैसलमेर-बालोतरा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे तारा राम जी का आज अवतरण दिवस है — एक ऐसा दिन जो केवल एक जन्म की तारीख नहीं, बल्कि एक विचार की वर्षगांठ है।

आज उनके जन्मदिवस पर संपूर्ण समाज — विशेषकर मूलनिवासी, आदिवासी एवं वंचित समुदाय — उन्हें कोटिशः शुभकामनाएँ और शुभाशिष प्रेषित करता है।

संघर्ष से समाज-निर्माण तक: एक असाधारण जीवन यात्रा

तारा राम जी का जीवन एक ऐसे विचार की कथा है, जिसने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव, धार्मिक असमानताओं और सामाजिक विषमताओं को खुली चुनौती दी।
उनकी जीवन यात्रा भारत की हर उस गली, गाँव, ढाणी, कस्बे और नगर तक पहुँची है — जहाँ अन्याय मौन था और व्यवस्था संवेदनहीन।

शब्दों की क्रांति, पदयात्राओं की तपस्या, और विचारों की ज्वाला से उन्होंने जन-जागृति की मशाल को जलाए रखा।

“जहाँ तक सड़क है, वहाँ तक उनका संघर्ष पहुँचा है।
जहाँ तक अन्याय है, वहाँ तक उनकी आवाज़ गूंजी है।”

संघर्ष की थकान नहीं, आशा की मुस्कान है उनका परिचय

कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी तारा राम जी के चेहरे पर न थकावट दिखी, न ही निराशा।
उनकी मुस्कान में विश्वास है, उनकी चाल में बुलंदी है, और उनकी आवाज़ में जनविरोध की गूंज।

आज जब समाज बौद्धिक खोखलेपन और नैतिक अधोगति से जूझ रहा है, तब उनका व्यक्तित्व युवाओं के लिए प्रेरणा का अखंड स्रोत है।

उलगुलान — एक निरंतर क्रांति

‘उलगुलान’ सिर्फ एक आदिवासी शब्द नहीं — बल्कि एक चेतना है।
बिरसा मुंडा की इस विरासत को तारा राम जी ने नई पीढ़ी में प्रज्वलित किया है।
उन्होंने मूलनिवासी, दलित, वंचित और शोषित वर्गों की आवाज़ को राष्ट्रीय विमर्श तक पहुँचाया।
उनकी भाषा में आँकड़े भी होते हैं और आग भी। मगर उनके व्यवहार में सादगी, करुणा और विवेक सदैव प्रमुख रहे हैं।

एक विचारधारा, एक आंदोलन, एक जीवनशैली

तारा राम जी केवल एक सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं — वे स्वयं में एक जीवंत विचारधारा हैं।
उनकी हर यात्रा, हर संबोधन, हर संवाद — समानता, संवैधानिक अधिकार और सामाजिक न्याय के लिए एक आंदोलन है।

“वो बोलते नहीं, बल्कि समाज बोलता है उनके बारे में।
वो चलते नहीं, बल्कि विचार चलते हैं उनके साथ।”

बालोतरा टाइम्स की ओर से शुभकामनाएँ!

आज उनके जन्मदिवस पर BalotraTimes.com की संपूर्ण टीम की ओर से हम उन्हें हार्दिक बधाई, शुभकामनाएँ और सम्मान प्रेषित करते हैं।

हम यह संकल्प लेते हैं कि तारा राम जी मेहना के विचारों और सिद्धांतों को गांव-गांव और जन-जन तक पहुँचाने के लिए हम पत्रकारिता के धर्म का पालन ईमानदारी से करते रहेंगे।

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