उपखंड अधिकारियों ने जिलेभर में विद्यालयों का निरीक्षण कर जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों को चिह्नित किया
जिला कलेक्टर के निर्देश पर दो दिनों में लगभग 100 से अधिक विद्यालय भवनों का निरीक्षण किया
बाड़मेर/ बालोतरा टाइम्स से अरविंद थोरी की रिपोर्ट
जिला कलक्टर टीना डाबी के निर्देश पर दूसरे दिन भी उपखंड अधिकारियों ने रविवार को जिलेभर के विद्यालयों का निरीक्षण कर जर्जर एवं क्षतिग्रस्त भवनों को चिह्नित किया और शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं संस्था प्रधानों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित कदम उठाने के निर्देश दिए।
उपखंड अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग और शिक्षा विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ विद्यालयों का दौरा किया। इस दौरान जिन विद्यालयों के भवन जर्जर पाए गए, उनमें तत्काल प्रभाव से विद्यालय संचालन अन्यत्र करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही जिन भवनों के कक्षा-कक्ष में पानी के रिसाव की समस्या पाई गई, उन कक्षा-कक्षों को बंद करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही रामसर उपखंड अधिकारी छाया सिंह ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय जुम्मा फकीर की बस्ती विद्यालय का निरीक्षण किया।
इस दौरान इस विद्यालय के दो कमरें जीण-शीर्ण अवस्था में मिले, जिनकी पट्टीया भी टूटी हुई थी। उपखण्ड अधिकारी छाया सिंह ने स्कूल प्रशासन को तत्काल कमरों के बाहर तार बीन्दी करने और आवा जाही रोकने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गडरीया को निरीक्षण किया, भवन के जर्जर पाये जाने की स्थिति में भवन को गिराने के प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिये। इसके साथ ही डिमोलिश होने तक तार बंदी करने और जर्जर ढाचे के आस पास बच्चों की आवा जाही प्रतिबंध करने के निर्देश दिये।
उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भाचबर का भी निरीक्षण किया, यहां छतों के क्षतिग्रस्त पाये जाने पर इनके नीचे बच्चों को नही बैठाने के निर्देश दिये। इसके साथ ही रिपेयर हेतु प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेहतो की बस्ती में एक हॉल पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त पाया गया, जिसकी मौके पर ही तार बंदी करवाकर प्रवेश प्रतिबंध किया गया। उपखण्ड अधिकारी छाया सिंह द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुराली का भी निरीक्षण किया गया। यहां शौचालय व रसोई घर और कक्षा कक्ष जर्जर अवस्था में पाये गये, जिनको ताला लगवाकर बंद करवाया गया। इन्होंने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पादरीया व मालूम का भी निरीक्षण किया। जहां जर्जर पाये गये कमरों को ताले लगाये गये और प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया। इनके द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धनोड़ा तला का निरीक्षण किया, जहां इन्हें पानी का टांका जर्जर स्थिति में मिला। इस टांके को मिट्टी से भरने के निर्देश दिये।
गुड़ामालानी उपखण्ड अधिकारी केशव मीणा ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुड़ामालानी का निरीक्षण किया। इसके साथ ही इन्होंने सीबीओ ऑफिस, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डाबड़ का भी निरीक्षण किया। धोरीमन्ना उपखण्ड अधिकारी भागीरथ विश्नोई द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक सुरते की बेरी का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पुराने भवन की छत टपक रही है, इसलिए विद्यालय भवन को दूसरी जगह सिफ्ट किया गया। प्रधानाचार्य को भवन रिपेयर करवाने के संबंध में प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये।
इसी प्रकार सेड़वा उपखंड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लकड़ासर का निरीक्षण किया। विकास अधिकारी बाड़मेर ग्रामीण नीतू व्यास द्वारा महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय संस्था का निरीक्षण किया। उन्हें इस दौरान इस विद्यालय के पांच कमरें जीण-शीर्ण अवस्था में मिले। जिनके दुरस्थ करवाने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। शिक्षा विभाग के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कर्णसिंह महेचा द्वारा भी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय घोनिया, बीजराड़, केनोर, शौभाला जेतमाल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, जर्जर भवनों को डेमोनिश करने और क्षतिग्रस्त भवनों के मरम्मत करने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये।
इसी तरह बाड़मेर तहसीलदार हुकमीचंद द्वारा राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रावलसिंह की ढाणी और आगौर का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्हें चारदीवारी टूटी हुई व टांके क्षतिग्रस्त मिले। इनके ठिक करने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। इनके द्वारा राजकीय प्राथमिक विद्यालय शिव मंदिर, डिंगड़ा के साथ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कुर्जा का भी निरीक्षण किया गया। जहां इन्हें कई कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त मिले। जिनके ठिक करने के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिये। धनाऊ तहसीलदार विनोद कड़वासरा द्वारा खोठो का तला, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय लछिया बेरा का भी निरीक्षण किया गया। इनके साथ ही विभिन्न तहसीलदारों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विकास अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्थानों पर विद्यालय भवनों को निरीक्षण कर जर्जर भवनों की सूची तैयार की गई और वहां विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।